Friday, 9 August 2019

     दुनिया में कोई किसी का नहीं 

                         Story in Hindi



एक महात्मा जी थे ।  उनके पास बहुत से लोग आया जाया करते थे  एक  दिन एक आदमी उनके पास आया और बोला कि महाराज ! मेरे बच्चे मुझे बहुत प्यारे हैं और मेरी स्त्री बड़ी पतिभक्त  है। महात्मा जी ने जवाब दिया कि बच्चा ! इस दुनिया में कोई किसी का नहीं । कौन किसकी स्त्री कौन किसका बच्चा । पर वह आदमी नहीं माना । तब महाराज जी ने कहा कि मेरे पास 15 दिन लगातार आना। तब मैं परीक्षा बता दूंगा । वह मनुष्य महात्मा जी के पास रोज आने लगा । महात्मा जी ने उसे नाक, मुह व आंख बंद कर सांस रोकने का योग्य अभ्यास सिखा दिया ।

  जब 15 दिन समाप्त हो गया तब महात्मा जी ने कहा कि बच्चा ! आज घर में जाना तो अपनी स्त्री की  पतिभक्ति  की परीक्षा कर लेना ।  घर जाने के बाद आंगन में हाथ - पैर लंबे फेंक देना और  अपनी  योग्य अभ्यास से सांस रोक लेना और मरी हुई शक्ल में पड़ जाना परंतु कान से  सब कुछ सुनते रहना ।

उस आदमी ने घर आकर ठीक वैसा ही किया जैसे कि महात्मा जी ने समझाया था । घर में हलचल मच गई ।  वैद्य हकीम, डॉक्टर सभी आए देखा सुना और बोले कि इसका प्राण निकल चुका है । इन्हें अब ले जाओ और अंतिम संस्कार कर दो । पास पड़ोस के सभी लोग इकट्ठे हुए कफन आदि पहनाया गया । परंतु जब शरीर को दरवाजे से लाश  निकालने में कठिनाई हो गई । अच्छी मुसीबत और उठ खड़ी हुई थी । तब लोगों ने सोचा कि थोड़ी दीवार तोड़कर रास्ता बड़ा कर दें । यह सोचकर जैसे ही वह दीवाल तोड़ने के लिए आगे बढ़े उस व्यक्ति की पत्नी ने कहा अरे अरे! यह क्या कर रहे हो, मेरा तो घर टूट जाएगा तब लोगों ने कहा कि इससे बाहर कैसे निकाला जाए , तो उस औरत ने कहा कि ठहरो - ठहरो, मैं अभी बताती हूं यह कहकर दौड़ी दौड़ी गई और घर से चारा काटने वाला गंडासा  उठा लाई और बोली कि लो इसके आधे आधे हाथ पांव काट दो फिर शरीर बाहर निकाल लो ।

जैसे ही लोगों ने गंडासा उठाया कि अब हाथ पांव काट दे, बस इतने में ही उस व्यक्ति ने जोर का झटका मारा और रस्सी टूट गई । कूदकर उठा और सीधे भागा - भागा महात्मा जी के पास पहुंचा और बोला कि महाराज यदि एक भी सेकेंड की देर किया होता तो मेरे हाथ पांव गायब हो गए होते । अब मैंने समझ लिया कि वास्तव में  यह दुनिया किसी की नहीं है ।

निष्कर्ष ✍

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि इस दुनिया कोई किसी का नहीं है ।। धन्यवाद  🙏

  1. अहंकार सबसे बुरी  चीज                           Story In Hindi


 एक तपस्वी अपनी तपस्या पूरी करके उठे तो सोचा कि तीर्थाटन करें    और चल पड़े । रास्ते में एक पेड़ के नीचे वह आराम करने के लिए बैठ गए,  इतने में ऊपर से एक चिड़िया ने उनके सिर पर बीट कर दिया । तपस्वी क्रोधित हो गए, और उन्होंने आंख उठा कर ऊपर देखा । देखते चिड़िया भस्म  होकर नीचे गिर पड़ी । तो तपस्वी को अपनी तपस्या का बड़ा अहंकार हो गया वह आगे चल पड़े । एक  गृहस्थ के दरवाजे पर पहुंचे और खाने के लिए कुछ मांगा ।

गृह स्वामी बीमार था ग्रहणी उसकी सेवा में लगी हुई थी। तपस्वी ने जब आवाज लगाई तो ग्रहणी ने अंदर से ही कहा कि महाराज थोड़ा  ठहर जाइए मैं अभी आपको भिक्षा देती हूं। तपस्वी तो अपनी तपस्या के अहंकार में डूबे हुए थे उन्होंने फिर दोबारा आवाज लगाई और कहा कि तू देती है या मैं तुझे भस्म कर दूं। कि ग्रहणी ने सहज भाव मैं जवाब दिया महाराज मेरे पति बीमार है में उनकी सेवा में लगी  हूं इसलिए मैंने आपसे ठहरने को कहा था मैं उस पेड़ की चिड़िया नहीं हूं जो आपके देखने से भस्म हो जाऊं इतना सुनते ही तपस्वी का सारा अहंकार  हवा हो गया।

स्वामी जी महाराज ने कहा कि जब अहंकार आ जाता है और आदमी है सोच लेता है कि मैं वह कर दूंगा मैं यह कर दूंगा, वही से उसका पतन शुरू हो जाता है। अहंकार सबसे बुरी चीज है और सारे किए कराए पर पानी फेर देता है।

निष्कर्ष ✍

हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने जीवन में कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए धन्यवाद । 🙏

     दुनिया में कोई किसी का नहीं                           Story in Hindi एक महात्मा जी थे ।  उनके पास बहुत से लोग आया जाया करते...